वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लिङ्गाष्टकम्
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
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जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
Every time the gods connect with out to him in distress, Lord Shiva immediately removes Shiv chaisa their sorrows. In the great turmoil because of Tarakasura, The many gods turned for you for assist.